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आईटी रिफंड: बड़ी खबर! आईटी विभाग ने करदाताओं के खाते में जमा किए ₹1.50 लाख करोड़, ऐसे चेक करें स्टेटस

 

आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.50 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड जारी किया है। विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसमें से 21,323.55 करोड़ रुपये के 1.1 करोड़ रिफंड असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए जारी किए गए थे। अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था और अब तक आप अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं तो हम बता रहे हैं वो कारण।

इससे पहले विभाग ने ट्वीट किया था कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 1 अप्रैल, 2021 से 3 जनवरी, 2022 तक 1.48 करोड़ करदाताओं को 1,50,407 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। विभाग ने कहा कि 51,194 करोड़ रुपये का आयकर जमा किया गया है। 1.46 करोड़ मामलों में रिफंड किया गया, जबकि 2.19 लाख मामलों में 99,213 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स वापस किया गया।

धनवापसी स्थिति की जाँच करें

अगर आपका रिफंड नहीं मिलता है तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट के जरिए स्टेटस चेक कर सकते हैं। आप अपने पैन और लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके यह काम आसानी से कर सकते हैं।

रिफंड क्या है

आयकर दाता का आयकर उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर एक वित्तीय वर्ष में पहले काटा जाता है। वहीं, जब वह वित्तीय वर्ष के अंत तक अंतिम कागजात जमा करता है, तो अगर गणना पर उसे पता चलता है कि उसका कर अधिक काटा गया है और उसे आयकर विभाग से पैसा निकालना है, तो वह आईटीआर दाखिल कर सकता है। वापसी के लिए। के लिए लागू होता है।

धनवापसी के कारण

फॉर्म में गलत बैंक खाते का विवरण

आयकर विभाग अब टैक्स रिफंड सिर्फ बैंक खाते में भेजता है। ऐसे में अगर आपने फॉर्म भरते समय अपने खाते की गलत जानकारी भर दी है तो आपका रिफंड अटक सकता है। इसे आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जरिए ठीक कर सकते हैं। आप अपने फॉर्म में ऑनलाइन खाता विवरण सही कर सकते हैं। इसके साथ ही यह जरूरी है कि आप अपने इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में जो बैंक अकाउंट डिटेल्स दे रहे हैं, वह पैन से लिंक हो।

खाता पूर्व-सत्यापित नहीं है

समय पर रिफंड नहीं मिलने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है नॉन-प्री-वेरिफाइड बैंक अकाउंट। यदि करदाता उस बैंक खाते का सत्यापन नहीं करता है जिसमें आयकर विभाग से टैक्स रिफंड प्राप्त करना है, तो आईटी रिफंड अटक जाता है। इसलिए करदाता को समय पर आयकर विभाग से जुड़े बैंक खाते का सत्यापन कर लेना चाहिए। अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद जो भी रिटर्न जेनरेट होगा उसे आयकर विभाग के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए इस खाते में भेजा जाएगा।

वापसी के समय पर सत्यापन नहीं करना

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई (सत्यापित) करना होता है। कई बार ऐसा होता है कि करदाता समय पर इनकम टैक्स रिटर्न तो भर देता है, लेकिन वह अपने रिटर्न को वेरिफाई नहीं करता। आपकी वापसी तब तक संसाधित नहीं होती जब तक आप इसे सत्यापित नहीं करते। इसलिए अगर आप अपना रिटर्न जल्दी पाना चाहते हैं तो इसे वेरिफाई करना न भूलें।

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Shrikant Borse

Founder and Director of SHRITEC Technologies, Web Developer, Software Developer, Interested to write articles on technology updates,

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